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harda breaking news : फर्जी खसरा बनाने वाली पटवारी को एसडीएम ने किया सस्पेंड !

हरदा। गुरुवार को एसडीएम महेश कुमार बमनहा ने फर्जी खसरा बनाने वाली महिला पटवारी दीपिका मर्सकोले को गुरुवार को निलंबित कर दिया है। जांच के दौरान यह सामने आया था कि जिस जमीन को लेकर कागजों में हेरफेर किया गया वास्तव में उसका अस्तित्व है ही नहीं।

जारी आदेश में कहा गया है कि हल्का पटवारी दीपिका मस्कोले ने ग्राम कुसिया की भूमि खसरा नम्बर 11/2 रकबा 1.121 हेक्टर को साल 2021-22 में रकबे को एक ऐसे राजस्व प्रकरण क्रमांक से बढ़ाते हुए खातेदार के नाम नानकराम पिता भुजराम के स्थान पर हरिओम पिता लालजी जाति कीर के नाम रकबा 7.121 हेक्टर कर दिया है।

इसके अतिरिक्त खसरा नम्बर 103/7 जो कि कभी पूर्व में अस्तित्व में नहीं था उसका नवीन सृजन करते हुए खसरा नम्बर 103/7 रकबा 8.140 हेक्टर राजस्व प्रकरण क्रमांक 0008/31-27/2017-18 से हरिओम पिता लालजी कीर निवासी सुरजना के नाम से किया गया। जबकि न्यायालय के दायरे में उक्त प्रकरण क्रमांक ग्राम आदमपुर के आवेदक रामदयाल पिता मिश्रया निवासी आदमपुर के नाम दर्ज है।

नायब तहसीलदार तहसील हंडिया के प्रतिवेदन से यह स्पष्ट है कि पटवारी दीपिका मस्कोले का यह कृत्य अपने पद का अनुचित लाभ लेने, शासकीय दस्तावेजों में हेराफेरी एवं कूटरजीत दस्तावेज तैयार का है।निलंबन अवधि के दौरान दीपिका मस्कोले पटवारी बागरूल तहसील हंडिया का मुख्यालय जिला निर्वाचन अधिकारी (सामान्य) कलेक्टर कार्यालय हरदा रहेगा।

20 एकड़ से ज्यादा जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाए

ग्राम कुसिया की पटवारी दीपिका मर्सकोले ने जमीन के अस्तित्व में नहीं होने के बाद भी ग्राम सुरजना के एक किसान को करीब 20 से अधिक एकड़ भूमि के दस्तावेज बनाकर दे दिए गए हैं। इसमें खास बात यह है कि सरकारी रिकार्ड में तो उक्त भूमि है लेकिन वास्तव में उक्त भूमि मौके पर मौजूद ही नहीं है। बताया जा रहा कि उक्त भूमि को बताकर संबंधित किसान ने किसी बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर लाखों रुपए ले लिए है।

नेता प्रतिपक्ष ने जमीन घोटाले को विधानसभा में उठाने की मांगी अनुमति

बता दें कि बीते दिनों हरदा में जमीन घोटाला हुआ था। जिसमें आठ गांवों में फर्जीवाड़ा करने वाले पटवारियों को एसडीएम ने सस्पेंड कर दिया था। इस मामले को मध्यप्रदेश विधानसभा में उठाने के लिए नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने प्रमुख सचिव को एक पत्र लिखा है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के साथ जमीन घोटाले को विधानसभा में उठाने की मांग की है।

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