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महात्मा गाँधी को कांग्रेस पार्टी तक ही सीमित न रहने दें,संकीर्ण मानसिकता से उपर उठकर नगर के विकास कार्यों में सहयोग करे। नाप अध्यक्ष

महात्मा गाँधी को कांग्रेस पार्टी तक ही सीमित न रहने दें,संकीर्ण मानसिकता से उपर उठकर नगर के विकास कार्यों में सहयोग करे। नाप अध्यक्ष

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खिरकिया/ नगरी क्षेत्रान्तर्गत वार्ड क्र.04 में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की प्रतिमा विगत 40 से 50 वर्ष पूर्व तात्कालीन ग्राम पंचायत कार्य अवधि में 28×38 क्षेत्र भवन में स्थापित की गयी थी, जिसके परिपेक्ष्य में विगत 10 वर्ष पूर्व तात्कालीन कांग्रेस समर्थित परिषद द्वारा उक्त गाँधी भवन को जीर्ण शीर्ण अवस्था में पाये जाने के कारण तोड़ने हेतु संकल्प पारित किया गया था उसी तारतम्य में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा 15.10.2014 को उक्त भवन तोड़ने की अनुशंसा की गयी। जिस पर पुनः दिनांक 15.07.2015 को तात्कालीन कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष श्रीमति यशोदा पाटिल की अध्यक्षता में तोड़कर पुनः निर्माण हेतु निर्णय लिया गया था। इन समस्त पत्राचारों के परिणाम स्वरूप उक्त गाँधी भवन को किसी भी अन्य विभाग लोक उपक्रम अथवा लोक प्रयोजन हेतु उपयोगी नही होने की दशा में तात्कालीन कलेक्टर द्वारा 13.12.2015 को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप 27.05.2020 को “पिछले साल चिन्हीत जर्जर भवन अब तक नही तोडे, आधी एवं बारिस में हो सकता है हादसा” नामक शीर्षक खबर जो कि दिनांक 01.08.2019 की रात जनपद पंचायत भवन की एक हिस्सा गिरा था। को लोकर प्रकाशित हुई थी. जिसे प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए तात्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा तत्काल कार्यवाही करने हेतु नगर परिषद को निर्देशित किया गया था।
किन्तु विगत 02 वर्षों के प्रशासक कार्यकाल व्यतित उपरांत वर्ष 2022 में नवगठित नगर परिषद के संज्ञान में उक्त तथ्य आने के पश्चात जीर्ण शीर्ण गाँधी भवन के प्रकरण का परीक्षण कर अद्यतन स्थिति की जानकारी परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नर्देशित किया गया जिसमें मूलतः मुख्य नगर पालिका अधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार वार्ड क्र. 04 में स्थित गाँधी भवन भूमि खसरा क्रमांक 138 रकबा 0.01 हेक्टेयर की भूमि जो की राजस्व अभिलेख में शासकीय सड़क में निहित हैं। पर स्थित जीर्ण-शीर्ण गाँधी भवन को तोड़कर पुनः भवन निर्माण हेतु उपसंचालक ग्राम तथा निवेश विभाग से प्राप्त अभिमत अनुसार भवन निर्माण अनुमति प्राप्त नहीं की जा सकती हैं।
तद् अनुसार चुकि उक्त जीर्ण शीर्ण भवन से जन सामान्य को होने वाली सभावित जान एवं माल हानि को दृष्टिगत दिनांक 31.07.2023 को सम्पन्न परिषद की बैठक की सामान्य चर्चा में उपस्थित एवं उपाध्यक्ष के अतिरिक्त 10 पार्षदों द्वारा सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि जीर्ण-शीर्ण भवन को तोड़ने से पूर्व राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी प्रतिमा सहसम्मान हटाकर जीर्ण-शीर्ण भवन को तोड़ा जाये एवं महात्मा गाँधी जी प्रतिमा सहसम्मान उसी स्थान पर पुनः स्थापित किये जाने हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया गया। जिसकी वैधानिक प्रक्रिया के तहत आगामी कार्यवाही की जा रही है।
किन्तु गत दिवस काग्रेस पार्टी के द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी को जो ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है की प्रकाशित खबर पूर्णतः राजनैतिक द्ववेश से ग्रसित है, क्योंकि किसी भी राजनैतिक दल को कार्यालयीन प्रक्रिया जैसे स्टीमेट, टेण्डर एवं बजट की जानकारी से जनहित का प्रयोजन सिद्ध नही होता. मात्र सुरखिया बटोरने का कार्य परिलिक्षित होता है एवं इन्ही के दल की 02 परिषदों द्वारा उक्त भवन को तोडने का निर्णय लिया गया था। अब इस कार्य का कांग्रेस द्वारा विरोध समझ से परे है,मैं एवं मेरी परिषद एवं भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का सम्मान करती हैं। काग्रेस के मित्रों से निवेदन करती हूँ कि महात्मा गाँधी जी को कांग्रेस पार्टी तक ही सीमित न रहने दें एवं जनहीत के इस कार्य में संकीर्ण मानसिकता से उपर उठकर नगर के विकास कार्यों में सहयोग करे।
मैं पुनः यह स्पस्ट करना चाहती हूँ कि उक्त स्थल का न तो नाम बदला जायेगा और न ही महात्मा गाँधी की प्रतिमा का स्थान बदला जायेगा। यह स्थल खिरकिया का हृदय गाँधी चौक ही कहलायेगा।

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