निर्वाण लाडू चढ़ाकर मनाया भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक :भव्य शोभायात्रा निकाली गई, मूलनायक प्रतिमा का हुआ महामस्तकाभिषेक
निर्वाण लाडू चढ़ाकर मनाया भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक
:भव्य शोभायात्रा निकाली गई, मूलनायक प्रतिमा का हुआ महामस्तकाभिषेक
खिरकिया।स्थानीय दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर में बुधवार को 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक पर्व निर्वाण लाडू चढ़ाकर मनाया गया। सुबह समाजजनों ने शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली, जो मंदिर से शुरू होकर मेन रोड से मंडी गेट तक जाकर वापिस जिनालय पहुंची।शोभायात्रा में सुसज्जित पालकी में श्रीजी की प्रतिमा विराजमान थी, जिसे इंद्र के वेश में समाज के पुरूष अपने कंधों पर लेकर चल रहे थे, वहीं महिलाएं पीली साड़ी में भजन कीर्तन करते हुए चल रही थी। मंदिर में श्रीजी का अभिषेक एवं शांतिधारा हुई।वहीं मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन मुद्रा में विराजित विशाल प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक हुआ।शांतिधारा करने का सौभाग्य रौनक जैन,आशीष जैन,प्रखर जैन तथा राहुल जैन को मिला।इसके पश्चात निर्वाण कांड का सामुहिक वाचन किया गया तदानुपरांत समस्त धर्मावलंबियों ने जयकारों के साथ निर्वाण लाडू चढ़ाया। प्रथम लाडू चढ़ाने का सौभाग्य ऊषा शैलेश जैन परिवार को प्राप्त हुआ। दिगम्बर जैन महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती मंजू जैन ने बताया कि आज के दिन जिस निर्वाण को भगवान ने प्राप्त किया है, वैसा ही निर्वाण हमारा हो।यही भावना भाना चाहिए।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार लड्डू का आदि ना अंत है, उसी प्रकार सिद्धों का सुख है, वो भी अनंत है। जिस प्रकार लड्डू को कहीं से भी खाओ, वह मीठा होता है।उसी प्रकार सिद्धों का भी सुख हर तरह से आंनददायक है।रात्रि में जिनालय में भजन संध्या का आयोजन किया गया।