छिपाबड में लक्ष्मण बालाजी मंदिर की 250 वर्ष पुरानी परंपरा, ग्राम वासियों ने निकाल सतत राम फेरी
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खिरकिया/ वर्षो से निकाली जा रही सतत राम फेरी प्रतिदिन सुबह 4 बजे से राम भक्त श्री बालाजी से राम फेरी निकालते है लक्ष्मण बाला जी मंदिर संवत 1744 में हरीराम बाबा मीणा ने बनवाया था और आज उनके वंशज रमेश मीणा और सभी साथियों के साथ हर मौसम चाहे कड़ाके की ठंड हो,आंधी तूफान तेज बारिश हो, गर्मी हो सतत राम फेरी निकाली जाती है राम फेरी में भजन कीर्तन ढोल बाजे खंजरी आतिशबाजी के साथ पूरे गांव में भ्रमण करते हुए पुनः बालाजी मंदिर में आकर आरती करने के बाद राम फेरी विश्राम की जाती है वर्ष भर में आज पोला अमावस्या के दिन राम फेरी वाले भक्त हर वर्ष के अनुसार भंडारे का आयोजन रखते है जिसमे पूरे गांव में इस बर्ष दीपावली जैसा लगा लोगो ने अपने अपने घरो के सामने 11दिपक जलायें और घर घर, जाकर निमंत्रण दिया जाता है भोजन प्रसादी लेने के लिए सभी लोग बड़ी संख्या में उपस्थित होते है आज रामफेरी का जगह स्वागत हुआ वार्ड न 12 में केवलराम मीणा ने अपने निज निवास *मां मेकलसुता सेवा सदन* में राम फेरी निकालने वाले सदस्यों के पांव पखार कर पुष्पाहार से स्वागत किया उसके बाद नगर परिषद उपाध्यक्ष विजयंत गौर के द्वारा भी अपने घर के सामने सभी सदस्यो को पुष्पहार पहना कर स्वागत किया गया सभी भक्तों को बहुत बहुत बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं प्रतिदिन प्रभात फेरी निकालनें वाले रमेश मीणा, महेश तिवारी, केवलराम मीणा, मदनलाल गौर, दगड़ू गौर, नंदू (सुरेंद्र राजपूत पलानी वाले), भूरू पंवार, परसराम बाबू ढोलक मास्टर, कैलाश गौर, भागवत राजपूत (चिकली वाले) आज ग्राम के सभी गणमान्य नागरिक उपस्थित थे आदि। राम फेरी क्यों निकाली जाती हैं संतों का ऐसा कहना कि हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में हरिनाम संकीर्तन करने वाले को दंडित करने लगा परन्तु प्रभु की इच्छा कुछ और भगवान ने उसके घर हीं राम भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ और राम नाम हरी सुमिरन में लिन रहने लगा हिरण्यकश्यप को पता चला तो उसने उसे रोका तब भक्त प्रहलाद ने बह्म मुहुर्त में सुबह सुबह 4बजे से राम नाम कीर्तन करने लगा और लोगों को भी हरी भक्ती के लिए प्रेरित करने लगा तब से आज तक प्रभात फेरी निकलने लगी है भारत के 60 प्रतिशत गांवों में प्रभातफेरी निकलतीं है ईद दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण जन मौजूद थे