यह कलयुग नहीं शिवयुग चल रहा है, इस संसार में शिव ही है जो अकाल मृत्यु हरण कर लेते है : पं. विजय कृष्ण शास्त्री
यह कलयुग नहीं शिवयुग चल रहा है, इस संसार में शिव ही है जो अकाल मृत्यु हरण कर लेते है : पं. विजय कृष्ण शास्त्री
हरदा। पुराणों और शास्त्रों में लिखा है कि कलयुग अपना काम करेगा लेकिन हम कलयुग को भजन-कीर्तन, धर्म-कर्म से सतयुग बना सकते हैं। भक्ति से सतयुग नहीं भी बना तो शिवयुग तो बन ही जाएगा। एक नवयुग का निर्माण है। शंकर शिवमहापुराण की कथा। सारा सुख-दुख शिव भगवान के चरणों में सौंप दो। शिव जो करेगा श्रेष्ठ करेगा। श्रेष्ठ के लिए शिव के बिना कुछ नहीं। वर्तमान में देखते हैं कि थोड़ी सी असफलता में युवा आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। असफलता पर घबराना नहीं है। परिणाम बिगड़े तो बिगड़ जाने दो, शिव ने उससे भी कुछ अच्छा सोचकर रखा होगा। यह वर्णन कथावाचक पंडित श्री विजय कृष्ण शास्त्री ने छीपाबड़ में आयोजित शवमहापुराण कथा में कही। उन्होने कहा कि यह कलियूग नहीं शिवयुग चल रहा है। इस संसार में शिव ही है, जो उनका नाम अकाल मृत्यु का हरण कर लेता है। काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का। मार्कंडेय रिषि की आयु सिर्फ 5 साल 6 दिन की थी पर ओम नमः शिवाय मंत्र ने यमराज से बचाकर अल्प आयु से दीर्घ आयु प्रदान करा दी। 33 कोटी देवता में भोलेनाथ ही है, जो 1 लोटे जल से प्रसन्न हो जाते है। आज प्रथम दिवस में पंचाक्षर मंत्र की महिमा का वर्णन बताया गया। कथा का आयोजन सुरेंद्र मीणा राजेंद्र मीणा सुलानिया द्वारा पिता श्रीराम मीणा, भाई चन्द्रगोपाल मीणा, बहन शान्ति ब कांति जीजा, दिलीप की स्मृति में कराई जा रही है। कथा सुनने के लिए सुबह से ही पंडाल में श्रृद्धालुजन बड़ी संख्या में एकत्र होकर कथा का श्रवण लाभ लिया। कथा का शुभारंभ व्यासपीठ की पूजा-अर्चना के साथ हुआ कथा का लाइव प्रसारण अशोक राजपूत भजन पर किया जा रहा है