मनुष्य अगर शांति चाहता है तो उसे प्रभु के चरणों में जाना पड़ेगा पंडित जोशी
खिरकिया श्री सीताराम सेवा समिति द्वारा आयोजित कथा के प्रथम दिवस में कथा व्यास पूज्य रमाकांत जोशी द्वारा रामचरितमानस एवं राम नाम की महिमा को बहुत ही विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि प्रभु के नाम के अपार महिमा है बाई मीरा सहित अनेक भक्तों के उदाहरण दिए बाई मीरा ने भगवान के नाम के दम पर जहर तक पी लिया इसका उनके शरीर में कोई असर नहीं हुआ यही राम नाम की महिमा है आप कथावाचक रमाकांत जोशी ने कहा कि भगवान ने मनुष्य को सभी सांसारिक सुख सुविधा दे दी परंतु शांति को अपने चरणों में रखा कोई मनुष्य अगर शांति चाहता है तो उसे प्रभु के चरणों में जाना पड़ेगा और इसके लिए रामचरितमानस का सहारा लेना पड़ेगा महाकवि तुलसीदास जी ने मानस की रचना करते समय सभी देवी देवता साधु संत और ब्राह्मणों को प्रणाम किया परंतु सर्वप्रथम उन्होंने माता कौशल्या को प्रणाम किया और कहां की मनुष्य के लिए प्रथम पूजनीय और बंदिनीय माता ही है क्योंकि संतान के लालन पालन से लेकर सभी सुख सुविधाओं का सर्वप्रथम ज्ञान माता ही रखती है और इसके माध्यम से उन्होंने संसार की सभी माता को प्रणाम किया होगा पूज्य महाराज द्वारा भगवान के सुंदर भजन भी बहुत ही भाव के साथ गए इस पर सोता होन ने नृत्य के साथ आनंद लिया कल की कथा में भगवान शिव के विवाह की कथा होगी एवं रात्रि में पिपलिया मकड़ाई मंडल द्वारा रामलीला का मंचन किया जाएगा इसमें भी समिति ने सभी श्रोता एवं दशकों से आने का आग्रह किया है