इमाम हुसैन के बलिदान दिवस पर परम्परागत ताज़िए निकाले
जगह जगह आयोजित हुए लंगर व दुआए आशुरा
हरदा । मुस्लिम समुदाय का मातमी पर्व मोहर्रम श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है । हज़रत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते सच्चाई की
राह पर चलकर समाज की तरक्की व शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए । उन्होंने करबला के मैदान में हुई जंग को समाज के लिए हक की जीत बताया । दस दिन तक चले कार्यक्रम में ताजियों का कारवां परंपरागत मार्गो से निकालकर हुसैनी चौक में रखा गया है । आज देर रात स्थानीय पुरानी सब्जी मंडी में ताजियों को दर्शनार्थ रखा गया है इस दौरान आमजन ताजियों की जियारत कर सभी धर्म के लोग दर्शन कर अपनी मान मन्नत भी पूरी करेंगे ।
खेड़ी पुरा मानपुरा कुलहारदा के अखाड़ों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए ताजियों के साथ आकर्षक करतब दिखाते हुए आमजन को मंत्रमुग्ध कर दिया । जगह जगह लंगर एवं शरबत का आयोजन किया गया खेड़ीपुरा मैं देर रात सवारियों का दौर चलता रहा ।साथ ही मस्जिद एवं मदरसों में विशेष दुआ ए आशूरा का आयोजन किया गया इस दौरान खेड़ी पुरा मोहम्मदी मस्जिद में मदरसा दारुल उलूम नूरी तथा कब्रिस्तान के पास अल शिफा मेमोरियल सेंटर द्वारा दुआ ए आशूरा का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में धार्मिक बंधुओं ने शामिल होकर दुआ ए आशूरा को सुना ।मुहर्रम शहादत का त्यौहार माना जाता हैं इसका महत्व इस्लामिक धर्म में बहुत अधिक होता हैं. यह इस्लामिक कैलंडर का पहला महीना होता हैं इसे पूरी शिद्दत के साथ अल्लाह के बन्दों को दी जाने वाली शहादत के रूप में मनाया जाता हैं.यह पवित्र महीने रमजान के बाद पवित्र महिना माना जाता हैं. इस्लाम में भी चार महीनो को महान माना जाता हैं. मुहर्रम के दिनों में भी कई मुस्लिम उपवास करते हैं. साथ ही मोहर्रम पर्व पर एक विशेष दुआ का आयोजन हर मस्जिद मे होता है
वहीं रविवार दोपहर ताजियों वालों का कारवां परंपरागत मार्गो से होता हुआ घंटाघर मानपुरा से कर्बला मैदान पहुंचेगा जहां पर अखाड़ों का प्रदर्शन किया जाएगा तत्पश्चात विधि विधान से कर्बला पहुंचकर अजनाल नदी में विसर्जन किया जाएगा ।