गरुड़ पुराण में दान को बताया है मोक्ष का मार्ग/ पंडित पाराशर
गरुड़ पुराण को जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति गरुड़ पुराण का पाठ करता ह मृत्यु के उपरांत मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह अपने जीवन काल में हमेशा सुखी रहते
खिरकिया पंचवटी मुक्तिधाम में चल रही गरुड़ पुराण में कथा वाचक पंडित अनिल पाराशर ने बताया कि हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण को भगवान विष्णु का अंश माना जाता है। यही कारण है कि इसका श्रवण और पाठन व्यक्ति द्वारा पूर्ण श्रद्धाभाव से किया जाता है। गरुड़ पुराण में न केवल जीवन और मृत्यु के विषय में बताया गया है। बल्कि इनमें उन सब कार्यों के विषय को भी विस्तार से बताया है, जिनका पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन में सुखी रहता है। गरुड़ पुराण में मनुष्य के जीवन से जुड़े कई रहस्यों और उपाय सम्मिलित किए गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि गरुड़ पुराण भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ देव के बीच हुए संवाद का अंश है।
हिन्दू धर्म में किसी परिजन की मृत्यु के उपरांत गरुड़ पुराण का श्रवण निश्चित रूप से किया जाता है। इस महापुराण को इसलिए भी अधिक महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इसमें मोक्ष प्राप्ति के मार्ग को विस्तृत रूप से बताया गया है। साथ ही व्यक्ति को अपने जीवन काल में किन-किन कर्मों को नहीं करना चाहिए, इसके विषय में भी विस्तार से बताया गया है। बता दें कि गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने दान को सबसे उत्तम कर्म कहा है। साथ ही इसमें यह भी बताया है कि जो भी व्यक्ति अपने जीवनकाल में दान-धर्म करता है, उसके लिए मोक्ष का मार्ग खुल जाता है और व्यक्ति को इश्वर के चरणों में शरण प्राप्त होती है। आइए जानते हैं किन चीजों को दान करने से होती है व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति।
गरुड़ पुराण के अनुसार करें इन चीजों का दान
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि आत्मसंतुष्टि के लिए व्यक्ति को जल का दान अवश्य करना चाहिए। जल दान करने से न केवल देवी-देवता प्रसन्न होते हैं, बल्कि मृत्यु के बाद व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अन्न और बिना किसी छल के कमाए गए धन में से कुछ हिस्सा दान करने से बड़ा अन्य कोई दान नहीं है। इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन काल में कम से कम एक बार अन्न दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। धर्म प्रेमी जनता से समाजसेवी पूनम चंद गुप्ता ने गरुड़ पुराण में अधिक से अधिक संख्या मैं पहुंच कर भक्ति रस का लाभ ले