भोपाल। मानसून द्रोणिका वर्तमान में गुना, सागर से होकर गुजर रही है। छत्तीसगढ़ पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में भी कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के पास कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके शुक्रवार को गहरे कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर आगे बढ़ने की संभावना है। इस वजह से शुक्रवार से मप्र में मानसून की गतिविधियों में और तेजी आएगी। साथ ही प्रदेश के अधिकतर जिलों में भारी वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।
उधर पिछले 24 घंटों के दौरान गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पचमढ़ी में 97, इंदौर में 42.4, छिंदवाड़ा में 29.2, खरगोन में 23.6, मंडला में 21, भोपाल में 19.8, रतलाम में 17, उज्जैन में 17, धार में 12.2, खंडवा में 11, टीकमगढ़ में छह, सिवनी में 5.2,उमरिया में 4.8, मलाजखंड में तीन, रायसेन में 2.6, नर्मदापुरम में 2.2, नौगांव में 1.6, बैतूल में 1.6 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा, गुना, सागर, रायपुर से होकर ओडिशा में बने कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। विदर्भ और उससे लगी मध्य प्रदेश की सीमा पर विंडशियर जोन (विपरीत दिशा की पूर्वी एवं पश्चिमी हवाओं का टकराव) बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक इन तीन मौसम प्रणालियों के सक्रिय रहने से मप्र के विभिन्न जिलों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। गुरुवार-शुक्रवार को भी भोपाल, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। शुक्रवार को ओडिशा के पास बने कम दबाव के क्षेत्र के गहरे कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। इस वजह से मानसून की गतिविधियों में और तेजी आने की संभावना है।