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गैस सिलेंडर ₹200/- सस्ता लेकिन डीज़ल- पेट्रोल के रेट में कोई कमी नहीं, क्यों..?

बिलासपुर, छत्तीसगढ़। संजय मिश्रा

रक्षाबंधन के दिन केंद्र सरकार के द्वारा गैस सिलेंडर पर ₹200/- की सब्सिडी दी गई, कहा गया कि बहनों को रांखी का तोहफा है।
क्या इससे महंगाई कम होगी या यह सिर्फ चुनावी स्टंट है, अगर सच में महंगाई कम करनी है तो पेट्रोल और डीजल में कम से कम ₹20/- कम करना चाहिए था, पर उसमें ₹1/- भी छूट नहीं दी गई, जबकि पेट्रोल कंपनियां हजारों करोड़ों रुपयों के फायदे में चल रही है, कच्चा पेट्रोल भी सस्ता मिल रहा है, उसके बाद भी पेट्रोल और डीजल में रेट कम नहीं किया जा रहा है, साथ ही राज्य सरकार भी जनता से धोखा कर रही है, क्योंकि वह भी अपनें हिस्से का टैक्स कम नहीं कर रही है, जिससे पेट्रोल और डीजल के रेट आसमान छू रहे हैं, जब तक केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर एक साथ रेट कम नहीं करेंगे तब तक महंगाई कम नहीं होने वाली, एक तरफ राजस्थान सरकार ₹500/- में सिलेंडर दे रही है, वहां पर कांग्रेस की सरकार है और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार है, पर यहां की सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है।

क्यों, नहीं जनता को ₹500/- में सिलेंडर दे रही है, राजस्थान में कांग्रेस सरकार जनता को फ्री राशन दे रही है जरूरतमंदों को।
चुनाव आते-आते इतनी घोषणाएं इसलिए हो रही है ताकि चुनाव जीता जा सके, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं हो रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भरोसा है कि जीतेंगे तो हम ही, इसीलिए
क्यों पेट्रोल-डीजल के रेट को कम करें और जनता को ज्यादा फायदा दे!

दूसरी ओर राजस्थान में वहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी पार्टी के जीत का भरोसा नहीं है, इसलिए वह जनता को खुश करनें के लिए घोषणाओं के ऊपर घोषणाएं कर रहे हैं यह सब चुनावी स्टंट है, चुनाव के बाद फिर से वहीं महंगाई की मार पड़नें वाली है, चार दिन की चांदनी है फिर अंधेरी रात।

चुनाव भी अब चाईना आइटम की तरह हो गए हैं, जब चुनाव का समय आता है तो जनता को खुश रखेंगे, चुनाव होनें के बाद फिर से अपनें रंग में आ जाएंगे, और महंगाई फिर आसमान छूने लगेगी सब जानते हैं अगर गरीब पैसे वाला बन जाएगा तो फिर वोट हमें कहां से देगा, किसान आगे बढ़ जाएगा तो फिर हमारा समर्थन कैसे करेगा, युवा पढ-लिख जाएगा तो हमें सपोर्ट कहां से मिलेगा, हर जगह विकास हो जाएगा तो भ्रष्टाचार कहां से होगा, सब की मिली भगत है इसलिए एक सड़क को बार-बार बनाते हैं, खोदते हैं, बनाते हैं, खोदते हैं, और बार-बार सड़कों को बनाने के लिए, भारी नुकसान होता है, और इसकी मार आम जनता को झेलनी पड़ती है।

अगर सच में जनता का हित चाहते हैं और महंगाई कम करना चाहते हैं तो पेट्रोल-डीजल में रेट कम करें और गैस सिलेंडर में ₹300/- और रेट कम करें तब आम जनता को राहत मिलेगी और यह सब्सिडी सिर्फ चुनाव तक सीमित ना रहे कम से कम पांच साल तक रहनी चाहिए और रेट नहीं बढ़नें चाहिए तभी जनता को राहत मिलेगी। ऐसा होगा लगता नहीं है!

नेता सिर्फ अपनें कुर्सी पानें तक ही वादे निभाते हैं जब कुर्सी मिल गई, सब कुछ भूल जाते हैं।

कुछ जनप्रतिनिधि और नेता जरूर‌ ऐसे है जो जनता के नजरों में खरे उतरते हैं, एवं अपनें किए गए वादे निभाते हैं।
फिलहाल अब देखना यह है कि आनें वाले चुनाव में जनता क्या फैसला करती है?
विजय दुसेजा

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