शासन प्रशासन की अनदेखी से हरदा में हुआ जघन्य ब्लास्ट एक बार फिर पेटलावद ब्लास्ट की यादें हुई ताजा
एसपी संजीव कुमार और कलेक्टर ऋषि गर्ग को हटाया गया
बड़ सकता है मृतकों का आकड़ा अभी भी संचालित हो रही है कई अवेध बारूद फ़ेक्ट्रिया प्रशासन बना मुकदर्शक
पटाखा फैक्ट्री विस्फोट इतना भयानक था कि इंसानों के चिथड़े उड़ गए
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हरदा/पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद बुधवार दोपहर को रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया। सीएम ने घायलों का हाल जाना पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के करीब 26 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है। 217 लोग घायल हो गए, इनमें फैक्ट्री के 51 मजदूर शामिल हैं। 184 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।इधर, बुधवार को सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ पूर्व मंत्री कमल पटेल हरदा पहुंचे। जहां उन्होंने जिला अस्पताल जाकर घायलों का हाल जाना। सीएम ने कहा कि इस मामले में ऐसी कार्रवाई करेंगे कि लोग याद रखेंगे। उनके इस बयान के कुछ ही घंटे बाद हरदा एसपी संजीव कुमार कंचन कलेक्टर ऋषि गर्ग को हटा दिया गया। सीएम के काफिले के निकलने के बाद प्रशासन द्वारा परिजनों से नहीं मिलने देने के कारण हंगामा किया और चक्का चक्का जाम कर विरोध में नारे लगाए
पटाखा फैक्ट्री विस्फोट इतना भयानक था कि इंसानों के चिथड़े उड़ गए
हरदा में पटाखा फैक्ट्री में मजदूरों से काम लिया जाता था लेकिन अन्दर बना तलघर में चर्चा है कि डायनेमन्ट ब्लास्टिंग राड ओर मेग्जिन पेप्सी बत्ती का भी बड़ी तादाद में स्टाक था चूंकि राजेश सोमष अग्रवाल के पास बारूद का लायसेंस था इसकी आड़ में कुएं ओर क्रेशर खदान मछली मारने वाले इसका उपयोग करते थे इसकी बिक्री इसकी आड़ में होती थी डेटोनेटर ईड़ी की पेटी के लिए लोगों को इन्दौर भोपाल जाना पड़ता था लेकिन प्रभाव के चलते इसकी आड़ में पेटी यहा उपलब्ध हो जाती थी नाम न बताने की शर्त पर लोगों ने बताया कि यह धमाका इतना भयंकर इसलिए हुआ कि सबसे ज्यादा स्टाक पटाखे की बारूद से नहीं बल्कि ब्लास्टिंग के स्टाक से हुआ है गौरतलब है कि कुए के बोर में क्रेशर खदान वाले बड़े बड़े पत्थर को तोड़ने में अवैध मछली मारने में भी इसका उपयोग होता था
अब जांच दल लगा मलवा की जांच के बाद पता चला कि कौन-कौन सी बारुद का उपयोग हुआ है
पटाखे फेक्ट्री में ठेकेदार की गिरफ्तारी पर राज खुलेगा
हरदा बैरागढ़ रहटा पीपलपानी कुजरगाव में संचालित पटाखे फेक्ट्री में मजदूरों का लेन देन कुछ ठेकेदार के सुर्पद था जो स्थानीय मोहल्ले के जग जाहिर है बैरागढ़ रहटा में बाहर के मजदूरों को लाना उनको रुकवाने की व्यवस्था इनके सुर्पद रहती थी पीपलपानी कुजरगाव में भी ऐसी व्यवस्था थी जिसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन ओर पुलिस को जग जाहिर है लेकिन स्थानीय प्रशासन को लगातार अवगत कराया लेकिन मजदूरों के नाम न तो पुलिस ने लिखे ओर न ही ग्राम पंचायत सचिव ने लिखना उचित नहीं समझा
हरदा का श्रमिकों का कोई रजिस्ट्रेशन श्रम विभाग में नहीं है
हरदा में जिस फेक्ट्री में हादसा हुआ उसका फेक्टरी लायसेंस ओर ठेकेदारी लायसेंस नहीं था जिसके चलते मजदूरों की कोई जानकारी श्रम विभाग के पास नहीं है श्रम विभाग सिर्फ नावलिग मजदूरों पर कार्रवाई के लिए है ऐसा श्रम अधिकारी ने बताया क्योंकि इनका ठेकेदारी लायसेंस नहीं बना है ये लापरवाही जिला प्रशासन की है