जिले की दोनों विधानसभा में खिला कमल प्रशासनिक बैठकों में फिर होगा “कमल” का रुतबा, विरोधियों में घबराहट कोई पद नहीं होता छोटा,सांसद प्रतिनिधि के माध्यम से जिले में सारे काम करवा सकते हैं कमल पटेल,
जिले की दोनों विधानसभा में खिला कमल प्रशासनिक बैठकों में फिर होगा “कमल” का रुतबा, विरोधियों में घबराहट
कोई पद नहीं होता छोटा,सांसद प्रतिनिधि के माध्यम से जिले में सारे काम करवा सकते हैं कमल पटेल,
हरदा। मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व कृषि मंत्री एवं कद्दावर नेता कमल पटेल को सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास ऊईके ने हरदा जिले में अपना सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया है। पूर्व मंत्री की इस नियुक्ति से जहां एक और उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं में खुशी और उत्साह है ,वहीं दूसरी तरफ फिर से जिला स्तर पर उनकी सक्रियता को देखते हुए विपक्षी पार्टी कांग्रेस में घबराहट हो रही है, कांग्रेस समर्थित विधायक एवं पदाधिकारीयों द्वारा पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल को प्रदेश का बड़ा नेता बताया जा रहा है और सांसद प्रतिनिधि के पद को छोटा बताकर उन्हें क्रिटिसाइज किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ लोगों का यह भी मानना है कि भारतीय जनता पार्टी में कोई भी पद हो वह महत्वपूर्ण माना जाता है। पद से सेवा और क्षेत्र के विकास का अर्थ नहीं बदल जाता। राजनीति में माहिर पूर्व कृषि मंत्री कमल पटेल के प्रशासनिक कार्य करवाने के तौर तरीके और अनुभव किसी से छुपा नहीं है, उनकी कार्यशैली से विपक्ष के लोग भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं। उनके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है।
वैसे तो वह धरना आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करके कोई भी बड़े से बड़ा काम करवा सकते हैं लेकिन मध्य प्रदेश में उन्हीं की पार्टी की सरकार है, जिले का सांसद प्रतिनिधि बनने के बाद वे सीधे तौर जिला पंचायत, कलेक्टर एवं अन्य योजनाओं की प्रशासनिक बैठक में शामिल होकर अपने कार्यकर्ता और समर्थक ही नहीं बल्कि जनता की सेवा कर सकते हैं और क्षेत्र के विकास में अपना अहम रोल निभा सकते हैं। वैसे भी यदि भारतीय जनता पार्टी की सत्ता है तो उनका हारा हुआ विधायक भी जीते हुए विधायक से पावरफुल माना जाता है, बल्कि यूं कहें कि वह उस विधानसभा क्षेत्र में अघोषित रूप से भाजपा का विधायक ही माना जाता है।सांसद प्रतिनिधि बनने के बाद कमल पटेल हरदा विधानसभा ही नहीं बल्कि टिमरनी विधानसभा की बैठकों में भी बतौर और सांसद प्रतिनिधि शामिल हो सकेंगे। सांसद प्रतिनिधि बनना तो एक माध्यम है, सब जानते हैं सांसद प्रतिनिधि के माध्यम से जिले में क्या-क्या काम करवा सकते हैं।