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चार जुलाई से शुरू होगा युवाओं का पंजीयन, रोजगार के अवसर मिलेंगे

जबलपुर। प्रदेश सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाने और उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने इन दिनों मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी में है। संभव है कि राजनीति के मंच पर विरोधी ‘अग्निवीर’ योजना की तरह इसकी भी आलोचना करें। बावजूद इसके योजना की सार्थकता को खारिज नहीं किया जा सकता। जिले में 319 संस्थानों ने योजना के अंतर्गत युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की दिशा में रूचि दिखाई है। इन संस्थानों ने सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। पोर्टल पर ट्रेनीज के लिए 614 रिक्तियां शो भी होने लगी हैं।

जहां युवाओं को हुनरमंद बनाएगी, वहीं रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे

शासन और औद्योगिक संस्थानों की सहभागिता से संचालित होने वाली मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना जहां युवाओं को हुनरमंद बनाएगी, वहीं इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस योजना के तहत आवेदकों को प्रशिक्षण के साथ ही आठ से दस हजार रुपये महीने स्टायपेंड भी प्रदान किया जाएगा। योजना में चार स्तर पर स्टायपेंड की योजना है। योजना के तहत 18 से 29 वर्ष की आयु के युवा पंजीयन करा सकते हैं। बेरोजगार युवाओं का पंजीयन कल यानि चार जुलाई से प्रारंभ हो रहा है।

संस्थाओं के पंजीयन का क्रम सात जून से प्रारंभ हो चुका है

15 जुलाई ये चयन प्रक्रिया शुरू होगी और एक अगस्त से आवेदकों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। योजना के तहत शासन और नियोक्ता संस्थान सम्मिलित रूप से चयनित आवेदकों को स्टायपेंड देंगे। स्टायपेंड की राशि का 75 प्रतिशत राज्य सरकार देगी, जबकि 25 प्रतिशत संबंधित औद्योगिक संस्थान वहन करेगा। योजना के तहत एमएसएमई सेक्टर की अनेक इकाई के साथ ही सिविल ठेकेदारों, माल मालिकों एवं व्यावसाइयों ने रजिस्ट्रेशन कराए हैं।

इस तरह से तय है स्टायपेंड की राशि

योजना के मुताबिक बारहवीं पास युवाओं को आठ हजार, आइटीआइ पास को साढ़े आठ हजार, डिप्लोमाधारियों को नौ हजार और स्नातक आवेदकों को 10 हजार रुपये बतौर स्टायपेंड दिए जाएंगे। शासन की ओर से तय प्रशिक्षण नौ से अठारह माह के हैं। जितने महीने का कोर्स होगा, उतने महीने स्टायपेंड दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद युवाओं को शासन की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसके आधार पर वो रोजगार के लिए कहीं भी आवेदन कर सकता है। इसके अलावा प्रशिक्षण देने वाला नियोक्ता चाहे तो उन्हें अपने यहां भी काम पर रख सकता है।

निश्शुल्‍क में नहीं मिलेगा स्टायपेंड

शासन ने एक बात साफ कर दी है कि स्टायपेंड तो दिया जाएगा, लेकिन उन्हीं को, जो प्रशिक्षण को गंभीरता से लेंगे और नियमित रूप से संबंधित संस्थान में जाएंगे। उनकी अटेंडेंस भी एक एप के माध्यम से लगेगी। इस एप को शासन स्तर पर तैयार किया जा रहा है। महीने में 15 दिनों से कम उपस्थिति होने पर स्टायपेंड नहीं दिया जाएगा। सभी कार्य दिवस पूर्ण होने पर ही पूरा स्टायपेंड मिलेगा। 15 दिनों से अधिक लेकिन महीने के कार्यदिवसों की संख्या से कम उपस्थिति होने पर उतने ही दिनों का स्टायपेंड मिलेगा, जितने दिनों की उपस्थिति एप में दर्ज होगी।

आज कल्चुरी में होगी कार्यशाला

योजना को लेकर आज शाम चार बजे से होटल कल्चुरी में कार्यशाला शाला आयोजित है। इसमें कौशल विकास विभाग, आइटीआई, पालीटेक्निक, शासकीय इंजीनियरिंग कालेज, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम सहित विभिन्न शासकीय एवं अशासयकीय संस्थानों के अधिकारियों को शामिल होने के लिए कहा गया है। इस दौरान योजना से संबंधित आवश्यक जानकारी प्रदान की जाएगी।

बोले अधिकारी

योजना के तहत चार जुलाई से युवाओं का पंजीयन और 15 जुलाई से चयन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एक अगस्त से प्रशिक्षण भी प्रारंभ हो जाएगा। -विनीत रजक, महाप्रबंधक उद्योग एवं व्यापार केेंद्र

प्रशिक्षुओं को उपस्थिति के आधार पर ही मानदेय मिलेगा। 15 दिनों से कम उपस्थिति होने पर मानदेय नहीं मिलेगा। उपस्थिति एप के माध्यस से दर्ज होगी। -सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर

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