पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस के कार्यकाल में बुरहानपुर में जल तीर्थ बने अनेक
बुरहानपुर। कर्मठ, लगनशील, इरादे की पक्की और सौम्य भाजपा की कद्दावर नेत्री एवं पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के जहन में सिर्फ एक ही धुन सवार रहती है और वो बुरहानपुर के चौमुखी विकास की। कृषि, बिजली, सिंचाई और सड़क सहित हर विषय पर श्रीमती चिटनिस की दूरदर्शी सोच ने बुरहानपुर को प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल किया है। श्रीमती चिटनिस के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि 2008 से 2018 तक बुरहानपुर में सिंचाई में वृद्धि हेतु अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए है। बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में 61 वर्षों में केवल 3 तालाब बने थे। वर्ष 2008 से 2018 के बीच तालाबों और बैराजों की एक सीरीज बन गई जिससे वर्ष 2007 में जहां सिंचाई रकबा 662 हेक्टेयर था जो आज बढ़कर लगभग 30 हजार हेक्टेयर रकबा हो गया है। वहीं भूमिगत जल पुर्नभरण 50 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गया है।
अपने अंचल में रहने वाले किसानों के हर सुख-दुख में भागीदार बनने वाली श्रीमती अर्चना चिटनिस ने अपने कार्यकाल में किसानों के लिए हर क्षेत्र में काम किए है। बात सिंचाई परिचयोजनाओं की मंजूरी की हो या बिजली की आपूर्ति एवं उससे जुड़े कार्यांे की या फिर खेत-किसानी की। श्रीमती चिटनिस ने हर कदम पर पहल करके किसानों की मदद की। जिसका नतीजा है कि वर्ष 2008 की तुलना में वर्ष 2018 तक या फिर इसके बाद सिंचाई, बिजली और खेती के क्षेत्र में अनेक गुना वृद्धि देखी गई है।
662 से बढ़कर 23 हजार हेक्टेयर भूमि हो रही सिंचित
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने जल संरक्षण और भूमि सिंचित करने के लिए अनेक अभियान चलाए तो वहीं सरकार ने बैराज, तालाब, डेम इत्यादियों का निर्माण कराया। जिससे वर्ष 2007 में जहां सिंचाई रकबा 662 हेक्टेयर था जो आज बढ़कर 23 हजार हेक्टेयर रकबा हो गया है। इतना ही नहीं भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माण होने के बाद यह आंकड़ा 30 हजार के करीब पहुंच जाएगा। आजादी के बाद 61 वर्षों में बुरहानपुर में केवल 3 तालाब एकझिरा, मोरझिरा एवं बंभाड़ा तालाब बने थे। श्रीमती चिटनिस के कार्यकाल में वर्ष 2008 से 2018 के बीच संग्रामपुर तालाब, ईच्छादेवी तालाब, बनिया नाला तालाब, मगरूल तालाब, मोतियादेव तालाब, भोलाना तालाब, धामनगांव तालाब, भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना, अंजनडोह तालाब एवं बख्खारी तालाब का निर्माण हुआ तो वहीं जसौंदी बैराज, तालापाटी बैराज, कालुशह बाबा बैराज, कोदरी बैराज, धमनी बैराज, रेहटा-नीमगांव बैराज, मालवीर बैराज, बोदरली बैराज, रायसेना बैराज, बोरगांव बैराज, फोफनारखुर्द बैराज, बख्खारी बैराज, फोफनारकला बैराज सहित बुरहानपुर बैराजों का निर्माण कराया गया। तालाब और बैराजों के निर्माण से भूमि का जलस्तर उपर आ गया है। जिस कारण जहाुं बड़े मोटर पंप जैसे 15 एचपी एवं 20 एचपी चलाकर गहराई से पानी निकालकर सिंचाई की जाती थी उस स्थान पर 5 हार्सपावर, 7.5 हार्सपावर के मोटर पंप से दोगुनी सिंचाई होने लगी और बिजली का बिल मोटर पंपों का रखरखाव आधे से भी कम हो गया है। जहां किसान 4 ट्यूबवेल से जितनी सिंचाई करता था उतनी सिंचाई केवल एक कुआं और एक मोटर पंप से होने लगी। सिंचाई का रकबा बढ़ने से गांवों में रोजगार की उपलब्धता बढ़ी तथा किसानों की आय में भारी वृद्धि हुई।
बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र में 62 वर्षों में केवल 3 तालाब बने थे और पिछले 2008 से 2018 के बीच तालाबों और बैराजों की एक सीरीज बन गई जिससे पूरे छात्र का सिंचाई का रकबा कई गुना बढ़ गया। आज हम जहां देखते हैं तालाब बनने से पहले जहां 20 हॉर्स पावर के मोटर पंप चलाना पढ़ते थे और पर्याप्त पानी नहीं मिलता था पानी 500 से 1000 फीट तक पानी नहीं मिल पाता था वहां अब 50 से 100 फीट के अंदर भरपूर पानी मिल रहा है। वाटर लेवल ऊपर आने के कारण अब बड़े मोटर पंपों की आवश्यकता नहीं पड़ती और 5 हॉर्स पावर से 7/30 हॉर्स पावर ज्यादा से ज्यादा 10 हॉर्स पावर की मोटर पंप चलाकर भरपूर पानी उपलब्ध हो जाता है। बुरहानपुर में अधिकतर बागवानी की खेती होती है जिसमें प्रमुखता केला फसल है। जिसको पानी की अत्याधिक आवश्यकता होती है। तालाब और बैराज बनने के कारण भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध हो गया जिससे कई गुना केली का रकबा बढ़ गया। किसानों की आय कई गुना बढ़ गई और किसान स्वाबलंबी हो गया है।
ग्राम मोहद के किसान नारायण सिंह बर्ने का कहना है कि मेरा जो ट्यूबवेल पहले था वह लगभग 700 फीट था जिससे 20 हॉर्स पावर का पंप केवल 2 हजार केली के पौधों में ड्रीप के द्वारा सिंचाई कर पाता था। कभी-कभी कम वर्षा की वजह से वह भी सूख जाता था। जिससे मेरी केली की फसल भी सूख जाती थी। जब से ग्राम मोहद में मोतियादेव तालाब अर्चना दीदी के प्रयासों से बना है तब से मैं अपने पुराने कुएं जो बंद पड़े हुए थे उसमें केवल 5 हॉर्स पावर की मोटर से 10 हजार केले के पौधों को सिंचाई कर रहा हूं। मुझे कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त हो रहा है और मेरी आर्थिक स्थिति मोतिया देव तालाब बनने के बाद एकदम अच्छी हो गई है। केवल मेरी ही नहीं मेरे पूरे गांव की पानी की समस्या पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। मैं आदरणीय अर्चना दीदी का बहुत-बहुत आभारी हूं।
ग्राम भावसा के किसान शांतिलाल पाटिल का कहना है कि हमारे गांव में जिले की प्रथम भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना का निर्माण अभी-अभी पूर्ण हुआ है। वह पहली ही बरसात में अपने पूर्ण क्षमता से भर गया है। हमारे क्षेत्र के वर्षों पुराने बंद पड़े हुए कुएं और ट्यूबवेल में पानी आ गया है। कई वर्षों से हमारा गांव और आसपास का क्षेत्र पानी की कमी से फसले ले पाना संभव नहीं था। किसानों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई थी। ना तो बच्चों को पढ़ाई लिखाई करवा सकते थे और ना ही ठीक से परिवार का पालन पोषण। बिजली और पानी की उपलब्धता के कारण अब हम हमारा क्षेत्र बहुत जल्द अच्छी फसल का उत्पादन कर पाएगा और हमारी आर्थिक स्थिति बदल जाएगी। भावसा बांध के लिए अर्चना दीदी ने अथक प्रयास किए, जिसके परिणाम स्वरूप आज हमारा क्षेत्र सुजलाम सुफलाम हो रहा है।