चुनाव की चौपाल से हरदा में कथा का सत्संग मंत्री पटेल का भाव के बीच बड़ा बयान….. ________________ करप्शन नाथ की फाइल की जांच चल रही है राज की बात है जांच एजेंसी देख रही है अभी कुछ बोलना ठीक नहीं: कृषि मंत्री कमल पटेल…..
चुनाव की चौपाल से
हरदा में कथा का सत्संग मंत्री पटेल का भाव के बीच बड़ा बयान…..
________________
करप्शन नाथ की फाइल की जांच चल रही है राज की बात है जांच एजेंसी देख रही है अभी कुछ बोलना ठीक नहीं: कृषि मंत्री कमल पटेल……
________________
हरदा/ भोपाल ।चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश मतदान की तिथि निर्धारित कर दी है। 17 नवंबर को मध्यप्रदेश के भाग्य विधाता यानी कि मतदाता अपने अधिकार का जनतंत्र के लिए उपयोग करेंगे। इस बीच खबर हरदा से आ रही है यहा से क्षेत्रीय विधायक मध्यप्रदेश सरकार में कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। पार्टी ने उन्हें अधिकृत प्रत्याशी के रूप में हरदा से चुनावी समर में उतारा है। वैसे तो भाजपा और कमल एक दूसरे के पर्याय है। हरदा में कमल प्रदेश में कमल देश में कमल यानी कि कमल ही कमल।
अमूनन कृषि मंत्री कमल पटेल की दिनचर्या बीते वर्षों में 10:00 बजे शुरू होती थी लेकिन जनतंत्र के युद्ध में आजकल सुबह 6:00 बजे जाग जाते हैं और निकल पड़ते हैं। सरपट अपनी प्रिय जनता के बीच कमल की आवाज लेकर। बुधवार की सुबह ऐसा ही नजारा देखने को मिला। प्रसंग था भागवत कथा का। कृषि मंत्री पटेल कथा में पहुंचे भाव विभोर सत्संग में भी डूब गए कहने का तो इतना ही है सत्संग के आनंद में आशीर्वाद स्वरुप उनको मिला लाडली बहनों का। आशीर्वाद स्वाभाविक भी है।स्वाभाविक भी है बहनों का भैया के प्रति प्यार चुनाव की इस बेला में। मंत्री पटेल कहते हैं कि चुनाव तो 5 साल में आते हैं लेकिन मे तो 24 घंटे अपने क्षेत्र की चिंता करता हूं। जनता की चिंता करता हूं। अब क्योंकि चुनावी समर है तो आशीर्वाद लेने तो जा ही रहा हूं और मुझे भरपूर बच्चों महिलाओं बुजुर्गों सभी वर्ग का आशीर्वाद मिल रहा है। इस बार चार गुना से जीतेंगे। कांग्रेस तो अभी अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाई। कमलनाथ तो करप्शन नाथ है। कलंकनाथ है। किसानों को ठग ठगने वाला ठगनाथ 15 महीने में पूरे मध्यप्रदेश में जिस प्रकार के लूट खसोट उन्होंने की किसी से छिपी नहीं है। उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त है। इसके ऊपर में ज्यादा नहीं बोलूंगा क्योंकि मामला जांच में है राज की बात है राज ही रहने दो।