कमल और विकास के साथ हरदा में कमजोर होती कांग्रेस
जहा पहले था कांग्रेस का वर्चस्व अब वहा कमल की धमक
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हरदा। ज्यो- ज्यो मध्यप्रदेश में विधानसभा का चुनाव नजदीक आता जा रहा है, त्यो- त्यो राजनैतिक गलियारे में “आया राम- गया राम” की फेरी लगना शुरू हो गई है। राजधानी भोपाल के राजनैतिक दलों के मुख्यालयो पर रोज राजनैतिक दल का दुपट्टा पहनते हुए कार्यक्रम तो हो ही रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश का सबसे छोटा जिला जिसे मध्यप्रदेश का हृदय जिला भी कहा जाता है वह है हरदा। यहा पर हर दो-तीन दिन बाद एक तरफा सेंधमारी कांग्रेस पार्टी के किले में कृषि मंत्री कमल पटेल लगातार कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के वो गांव जो कभी एक तरफा कांग्रेस के लिए खड़े रहते थे।वे अब कृषि मंत्री कमल पटेल के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
सैकड़ो की संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे हैं और हरदा विधानसभा में कांग्रेस के लिए चिंता की लकीरें खड़ी हो रही है।
भाजपा के कद्दावर नेता एवं कृषि मंत्री और क्षेत्रीय विधायक कमल पटेल के गृह ग्राम बारंगा में उनके जनता दरबार में जब वे बैठे रहते हैं। तो कांग्रेसियों का सैकड़ो कार्यकर्ताओं का हुजूम विकास के जयकारे करते हुए मंत्री पटेल के समक्ष उनके हाथों से भाजपा का दुपट्टा गले में धारण कर लेते हैं।मंत्री पटेल कांग्रेस के हर उस गढ़ में कांग्रेस पार्टी की चूले हिलाने में लगे हैं। जहा एक समय भाजपा डिफीट खाती थी।
हरदा में चल रहे इस नाटकीय एपिसोड पर रानैतिकपंडितों से जब इस बारे में राय मशविरा किया गया तो उन्होंने बताया कि इस बार कमल पटेल कांग्रेस पार्टी के उन क्षेत्रों में बगुले की नजर रखे हुए हैं।जहा उन को कम वोट मिलते थे या फिर पार्टी वहा पर कमजोर थी लेकिन अब देखने में आ रहा है कि कमल पटेल और भाजपा से प्रभावित होकर कांग्रेस के कार्यकर्ता और क्षेत्रीय लोग क्षेत्र में कमल खिलाने के लिए भाजपा का दमन थाम रहे हैं।साथ ही देखने में आ रहा है कि चुनाव के पहले कांग्रेस की हालत यहा पतली होती जा रही है जो कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।बीते कई दिनों में धड़ाधड़ कांग्रेस के सैकड़ो जमीनी कार्यकर्ता भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं।*
इसी कड़ी में रविवार को भी जिला पंचायत सदस्य कमलेश सेजकर एडवोकेट के साथ ग्राम मुहालकला के दर्जनो लोगो ने कृषि मंत्री पटेल के निवास ग्राम बारंगा जाकर विकास कार्यों से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की एवं कांग्रेस का दामन छोडा।