ब्रेकिंग
सोयाबीन उपार्जन के लिये 20 दिसम्बर से पूर्व स्लॉट बुक करें शीत ऋतु को देखते हुए आश्रय स्थल "रैन बसेरा" के प्रचार-प्रसार हेतु नगर पालिका ने लगाये बेनर कलेक्टर ने पेंशनर्स दिवस पर सम्मान किया नव-निर्वाचित मंडल अध्यक्षों का आत्मीय स्वागत कर बधाई दी कलेक्टर सिंह के मार्गदर्शन में डीएपी खाद का अवैध भण्डारण जप्त किया एसपी चौकसे के नेतृत्व में मिली बड़ी सफलता 14 लख रुपए के गांजे के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार कांग्रेस का गरीब और मजदूर से कोई नाता नहीं इस पार्टी ने गरीब का हमेशा ही शोषण किया पूर्व मंत्री पटेल... दुर्गा उत्सव को लेकर थाना परिसर में शांति समिति की बैठक संपन्न किसान संघ ने मंडी में किसानों के भुगतान को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सोपा इंजीनियर और ठेकेदार की मिलीभगत से सीसी रोड का गुणवत्ताहीन निर्माण

 
 
 
 

सरपंच, उपसरपंच, पंच सहित सैकड़ों आदिवासी कार्यकर्ता भाजपा में शामिल

सरपंच, उपसरपंच, पंच सहित सैकड़ों आदिवासी कार्यकर्ता भाजपा में शामिल

हरदा।जिले में विकास पर्व के चलते कृषि मंत्री कमल पटेल कहते हैं कि हरदा जिले में विकास की गंगा बह रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सुविचारो के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हरदा जिले के हर तबके के व्यक्ति के कल्याण करने का संकल्प पार्टी ने उठाया हुआ है। हमारे हरदा जिले में 464 गांव हैं। जिसके प्रत्येक घर में गाने हमारी सरकार ने नल जल योजना की स्वीकृति प्रदान की है। अब हरदा का एक एक घर नल की टोटी से पानी लेगा।सड़कों के बिछाए जाल से व्यापारिक आर्थिक क्रांति का शंखनाद होने जा रहा है। वही हमारा जो सूत्र सूत्र वाक्य है। “जो कहते हैं सो करते हैं” की तर्ज पर क्षेत्र के लोग प्रभावित होकर कमल (बीजेपी) से जुड़ रहे है।सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर हरदा का विकास हो रहा है।
दूसरी ओर प्रदेश में दोनों दल चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं।हरदा जिले में राजनीतिक तापमान को हाई वोल्टेज पर कृषि मंत्री कमल पटेल कांग्रेस के लिए दिन प्रतिदिन बनाते रहते हैं। बीते 3 पखवाड़े से लेकर अभी तक कोई ऐसा दिन नहीं गया जब कृषि मंत्री पटेल ने कांग्रेस पार्टी को राजनैतिक झटके न दिए हो। नगरीय चुनाव, पंचायत चुनावो में तो कृषि मंत्री पटेल ने कमल तो खिलाया ही था लेकिन जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की बेला आती जा रही है। बे अब कांग्रेस को चारों खाने चित करने की रणनीति में लगे हुए हैं ।बीते दिनों गुर्जर समुदाय के एक बड़े तबके को उन्होंने कांग्रेस से तोड़कर भाजपा में लाकर कमल खिलाने की मुहिम को आगे बढ़ाया था ।
वही सोमवार को एक दर्जन गांवों के आदिवासियों भाइयों के साथ सरपंच, उपसरपंच, पंच सहित सैकड़ों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए। सरपंच सुमेर सिंह, उपसरपंच ललित विश्नोई सहित कृषि मंत्री पटेल के साथ उपस्थित पंचों का कहना है कि आजादी के बाद हमारे आदिवासी बहुल गांवो की सुध कभी भी कांग्रेस पार्टी ने नहीं ली। लेकिन मंत्री कमल पटेल ने यहा की सुध ली और उन्होंने 10 करोड़ से अधिक राशि की लागत से आदिवासी बहुल गांवो की सड़कें बनाने का निर्णय लिया। इससे हम सब उनसे प्रभावित हुए और क्षेत्र में कमल खिलाने के लिए कमल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो गए हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.