बिलासपुर, छत्तीसगढ़। संजय मिश्रा
सम्पूर्ण शहर सहित देश भर में महिलाओं नें हरतालिका तीज का पर्व काफी उत्साह धूमधाम के साथ मनाया, इस अवसर पर मंदिरों, बाजारों में काफी रौनक रही, बाजारों में सुहाग सामग्री खरीदनें के लिए महिलाओं की भीड़ रही।
विवाहित स्त्रियों के अलावा अविवाहित युवतियों नें भी यह व्रत को रखा।
विवाहित महिलाओं नें यह व्रत अपनी पति की लंबी आयु के लिए रखा, वहीं अविवाहित युवतियों नें परिवार की सुख-शांति, समृद्धि अच्छे वर प्राप्ति के लिए व्रत रखा।
भगवान शिव और देवी पार्वती को प्रसन्न करनें के लिए महिलाओं नें मंदिरों में पंचामृत से शिवलिंग को स्नान करवाया, महिलाओं का मानना है कि सबसे पहले देवी पार्वती नें इस व्रत को रखा था।
इस दौरान महिलाओं नें मंदिरों में गौरी-शंकर का पूजन किया, प्रसाद का भोग लगाया और देवी पार्वती को सुहाग सामग्री भी समर्पित की।
इसप्रकार की जाती है पूजा-
पूजा करनें आई महिलाओं नें कहा कि हरतालिका व्रत के पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर नहा-धोकर पूरा श्रृंगार किया जाता है, पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी-शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है, इसके बाद देवी पार्वती को सुहाग सामग्री अर्पित की जाती है, रात के समय भजन-कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है, इसके बाद शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है।
हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, हरतालिका तीज को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, देवी पार्वती के एक ही रूप मां हरतालिका को समर्पित हरतालिका तीज उस दिन की याद में मनाई जाती है, जब भगवान शिव ने देवी पार्वती को स्वीकार किया था।
हरतालिका तीज के पर्व को सभी लोग मिलजुल कर मना रहे हैं, इससे राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा मिलेगा।